हनुमान जी को तिल के तेल में मिल हुए सिंदूर का लेपन करना चाहिए।
2.
सिर से पैर तक भस्म के द्वारा अंगो को लेपन करना यह आग्नेय स्नान है ।
3.
हनुमानजी को चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर विग्रह का लेपन करना शुभ बताया गया है।
4.
मालिश या लेपन करना यानी बार-बार किसी एक सतह पर दूसरी सतह फेरना सो चर्चित का आशय लेपित से भी है ।
5.
लीपने (लेपन) की क्रिया को उप-लेपन (ऊपर से लेपन करना, पोतना या परत चढ़ाना) और कारक को उपलेप्य मानें तो उपला शब्द उपलेप्य का देशज रूप हो सकता है।
6.
इससे बने चर्चा में आवृत्ति, तर्क-वितर्क, स्वरपाठ, अध्ययन, सम्भाषण, वाद-विवाद, अनुशीलन, परिशीलन, अनुसंधान के साथ-साथ शरीर पर उबटन लगाना, मालिश करना, लेपन करना जैसे भाव भी हैं ।